1. शहद, तगर, पीपरामूल,
भेड़सिगा, पीपर, जटामासी तथा
अपने शरीर के
पाचों इन्द्रियों का
मल लेकर उसे
मिला लें फिर
अपने सम्पूर्ण बदन
से उसे लगाकर
स्नान कर लें|
ऐसा करने पर
आपका पति हमेशा
आपके वश मे
रहेगा|
2. शिलाजीत, गोरोचन, केशर तथा
घी कवार को
मिलाकर आंख मे
काजल को तरह
इस्तेमाल करके अपने
प्रेमी के पास
जाने से वह
उसके वश मे
बना रहता है|
3. शतावरी, गोरोचन, गेरू, पदम
केसर का मिश्रण
करके घोल तयार
करने के पश्चात
पुष्य नक्षत्र मे
काजल करने से
प्रेमी तथा पति
दोनों वश मे
बने रहते हैं|
4. सरसों और अमरबेल
इसकी गुटिका बनाकर
मुख मे रखने
से प्रेमी वश
मे हो जाता
हैं|
5. प्रेमी को वश
मे करने के
लिए भगराज की
जड़ को अपने
मुख मे रखकर
जो भी औरत
अपने प्रेमी के
पास जायेगी, वह
सदा के लिए
उसका बन जायेगा|
6. कश्मीर केसर, तगर, कूट,
हरिताल को बराबर
मात्रा लेकर उसमे
अपने कनकी उंगली
का दो बूद
खून मिलाकर किसी
डिब्बे मे बद
करके रख लें|
बिन्दी के ऊपर
लगाकर अपने माथे
पर लगाये| ऐसा
करने से औरत
का पति हमेशा
उसके वश मे
बना रहता है|
7. सफेद आक की जड़ को लेकर
भेड़ की मूत्र के साथ पुष्य नक्षत्र मे पीसकर किसी सुरषित वस्तु मे बद कर रख लें| समय
समय पर बिन्दी के स्थान पर इसका लेप लगावें| इससे पति जीवन भर के लिए आपका बना रहेगा|
8. अपने शरीर का मैल श्वेत आक की जड़, मजीठ, मोथा तथा वच
को बराबर मात्रा मे लेकर पीस लेने के पश्चात टीका लगाकर प्रेमी के पास जाने से क्षणों
मे वह उसका दीवाना हो जाता है| अर्थात वश मे आ जाता है|
9. श्वेत जड़ तथा श्वेत
विष्णुक्रांता की जड़ को पीसकर उसका टीका लगाने से प्रेमी का वशीकरण हो जाता है|
10. सुपारी मे अपने बदन,
स्तन, आँख, पैर, नाक का मैल मिलाकर उस पुरुष को खिलाये जिसे आप अपना प्रेमी बनाना चाहती
है| अथवा प्रेम को प्रदर्षित करना चाहती है| वह आपके वश मे हो जायेगा|
वंशलोचन, घीक्वार तथा
उल्लू की आंख का अंजन करने पर प्रेमी वशीभूत रहता है|
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